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विवादएशिया

ईरान: मेट्रो में घायल हुई छात्रा की मौत

२८ अक्टूबर २०२३

ईरान में हाईस्कूल की उस छात्रा की मौत हो गई है जो तेहरान के मेट्रो के विवादित घटनाक्रम के बाद से कोमा में चली गई थी. ईरानी मीडिया ने यह जानकारी दी है.

अर्मिता गारावांद
अर्मिता गारावांदतस्वीर: Hengaw

ईरान के युवा मंत्रालय से जुड़े बोर्ना न्यूज ने शनिवार को खबर दी है, "अर्मिता गारावांद की 28 दिनों तक अस्पताल के इंटेंसिवर केयर यूनिट में रखने और गंभीर इलाज के बाद घंटे भर पहले मौत हो गई है." 17 साल की कुर्द किशोरी गारावांद को एक हफ्ते पहले "ब्रेन डेड" घोषित किया था. वह तेहरान के फज्र अस्पताल में एक अक्टूबर से ही भर्ती थी. मेट्रो में वह बेहोश हो कर गिर पड़ी थी.

कैसे बीमार हुई गारावांद

गारावांद के बीमार होने की परिस्थितियों पर विवाद है. सरकारी टीवी पर प्रसारित मेट्रो के सर्विलांस कैमरे की फुटेज में गारावांद को गिरने के बाद उठा कर ले जाए जाने की तस्वीरें हैं. इस दौरान उनका सिर ढंका नहीं था.

गारावांद का मामला पहली बार 3 अक्टूबर को सामने आया. तब कुर्दों के अधिकार की वकालत करने वाले गुट हेंगॉ ने कहा कि अंडरग्राउंड ट्रेन नेटवर्क में एक घटना में वह बुरी तरह घायल हो गई थी. अधिकारियों का कहना है कि उसका ब्लडप्रेशर अचानक बहुत नीचे चला गया था.

अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि गारावांद और दूसरे यात्रियों के साथ कोई "बहस या फिर लड़ाई" हुई थी. हालांकि अधिकार गुटों का कहना है कि गारावांद के साथ ईरान की नैतिकता पुलिस की महिला सदस्यों ने मारपीट की थी.    

मेट्रो में गिरने के बाद अस्पताल ले जाए जाते वक्त की फुटेज से ली गई तस्वीरतस्वीर: Iranian state TV/AP/picture alliance

शनिवार को ईरान की तसनीम समाचार एजेंसी ने डॉक्टरों के हवाले बताया कि गारावांद गिर गई थी जिसकी वजह से उसके दिमाग को नुकसान पहुंचा, ब्लड प्रेशर में अचानक आई गिरावट की वजह से ब्रेन ऑक्सीजन में कमी हुई और दिमाग में सूजन आई थी.

स्वतंत्र जांच की मांग

सुधारवादी अखबार हाम मिहान ने अधिकारियों से मांग की है कि वह स्वतंत्र मीडिया को इस घटना की छानबीन करने की इजाजत दे ताकि लोगों को संतुष्ट किया जा सके.

सांसद अहमद अलीरेजाबेगी ने इस हफ्ते बुधवार को कहा कि यह घटना "महत्वपूर्ण" है और संसद को इस पर "गृह मंत्री से सवाल पूछना" चाहिए. इससे पहले आठ अक्टूबर को गृह मंत्री अहमद वाहिदी ने कहा कि अधिकारियों ने मामले की छानबीन की है और "स्थिति बिल्कुल साफ थी." गृह मंत्री ने आरोप लगाया, "दुश्मन नहीं चाहते कि देश शांति से रहे और हमेशा हर घटना को विवाद की शक्ल देने की कोशिश करते हैं."

महसा अमीनी की मौत के एक साल बाद

यह घटना महसा अमीनी की मौत के ठीक एक साल बाद हुई है. महसा अमीनी भी ईरानी कुर्द थीं. अमीनी को ईरान की नैतिकता पुलिस ने देश के ड्रेसकोड  के कथित उत्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया था. उनकी मौत के बाद ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. कई महीने चले विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की जान गई और हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया. सुरक्षा बलों के दर्जनों लोगों की भी इन प्रदर्शनों में मौत हुई. हिंसक विरोध प्रदर्शनों को ईरानी अधिकारियों ने "दंगा" कहा और अब तक इन मामलों में 7 लोगो को फांसी की सजा दी जा चुकी है.

लंदन में स्टेज ऑफ फ्रीडम के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुएतस्वीर: Velar Grant/ZUMA Wire/IMAGO

ड्रेस कोड के उल्लंघन की सजा

पिछले साल अक्टूबर के विरोध प्रदर्शनों के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं ड्रेसकोड का उल्लंघन कर रही हैं. इसके तहत महिलाओं के कपड़े को लेकर नियम बनाए गए हैं जिनमें सिर ढंकना जरूरी है. हालांकि अधिकारियों ने ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सजा बढ़ा दी है. ड्रेसकोड के ये कानून 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद 1983 में लागू किए गए थे.

ईरान ने पिछले कुछ महीनों में महिलाओं और उन कारोबारों के खिलाफ सख्ती बढ़ाई है जो हिजाब के नियमों का उल्लंघन करते हैं. सितंबर में सांसदों ने सजा बढ़ाने के कानून को मंजूरी दी, इसके तहत ड्रेसकोड के उल्लंघन पर महिलाओं को 10 साल की कैद की सजा हो सकती है.

एनआर/एडी (एएफपी)

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